मुस्लमानों पर सियासत कर रही कांग्रेसःगोटिया
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद गोटिया कहते हैं कांग्रेस भाजपा पर आरोप लगाकर इस देश में मुस्लिम वोट अपने पक्ष में खड़ा करना चाहती है। जबकि वो आज की पीढ़ी से यह बात छुपा रही है कि इस देश में नेहरू और गांधी के समय 5 लाख मुस्लिम काटे गये हैं। साम्प्रदायिकता की नींव तो कांग्रेस ने इस देश में डाली है और आरोप भाजपा पर मढ़ रही है। कांग्रेस तो उसी दिन से मुस्लिम राजनीति करने लगी है जिस दिन से,इंदिरा गांधी ने फिरोज गांधी से शादी की। कहीं नहीं लिखा है और न ही प्रमाण है कि फिरोज खान,गांधी हो गये। फिर कांग्रेसी, आज भी गांधी,गांधी की रट लगा रहे हैं। राजीव गांधी,संजय गांधी सभी फिरोज खान की संताने हैं,इसलिए मुस्लमानों पर कांग्रेस सियासत कर रही है। तीखे सवालों के उन्होंने तीखे जवाब दिये। उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश -
0क्या भाजपा रंग बदल रही है,नये अवतार में आने के लिए।
00 भाजपा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की हिमायती है। जब तक हिन्दुस्तान अपना रंग नहीं बदलेगा, तब तक भाजपा देश की आत्मा के रंग में ही रंगी रहेगी,उसके रंग बदलने का सवाल ही नहीं उठता।
0 हिन्दुस्तान किस तरह का रंग बदले,स्पष्ट करें।
00समृद्धशाली विकसित राष्ट्र के रूप में इस देश की पहचान बने। पूरी दुनिया उसे जाने। अनुकरणीय परंपराये राष्ट्र की शिराओं में लहू की तरह दौड़े।
0 दुनिया मंे देश का नाम तो है ही है,वो चाहे अटल जी के नाम से दुनिया भारत को जाने या फिर यूपीए के घोटाले से दुनिया,हिन्दुस्तान को जाने।
00 मै सोनिया या फिर राबर्ट वाड्रा की बात नहीं करना चाहता। ये सभी निर्विवाद व्यक्ति हैं,यानी भ्रष्टाचार के मसीहा है। ऐसे लोगों के नाम से देश की पहचान बने,यह तो हमारी देश और संस्कृति का अपमान है।
0 भाजपा अध्यक्ष नीतिन गडकरी पर भी तो भ्रष्टाचार के छीटे पड़े हैं।
00 गडकरी जी का मामला अलग हैं। वो सहकारिता के आधार पर ताना बना बुने हैं। यदि वो गलत होते तो,यह नहीं कहते कि जांच करा लो। यदि दोषी हॅू तो सजा दे दो। राबर्ट वाड्रा या फिर एसोसियेट जर्नल्स को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव राहुल गांधी बिना ब्याज के राशि दिये। यह कहना कि 700 लोगों के जीवन को बाचाने के लिए ऐसा किया। चंदा की राशि को धंधा बना देना गलत है। आज भी सैकड़ो कर्मचारियों का मामला कोर्ट में चल रहा है। यदि ये सही हैं तो इन्हें कहना चाहिए कि हमारी जांच करा लें जैसा कि गडकरी खुलकर बोल रहें है कि जैसा चाहो जांच करा लो।
0भाजपा धर्म निरपेक्ष होने के चक्कर में कई बार अपने कुर्त्ते में साम्प्रदायिकता की जेबें भी बनवाने का मोह नहीं छोड़ती ऐसा क्यो?
00 मुझे ताज्जुब होता है कि भाजपा पर बार बार कांग्रेस साम्प्रदायिकता का आरोप क्यों लगाती है। कभी अपने गिरेबान में भी तो झांक के देखे। आज तक जितनी बार भी भाजपा आरोप लगे हैं एक भी प्रमाणित नहीं हुए हैं। नेहरू और गांधी के समय तो इस देश में पांच लाख मुस्लमान काट दिये गये,उसे आज की पीढ़ी से कांग्रेस क्यों छिपा रही है। देश के बंटवारे का जो आधार कांग्रेस के समय तय किया गया,उसके स्वरूप में मै नहीं जाना चाहता,लेकिन किया किसी और ने और उसका दंड आज भी देश भोग रहा है। साम्प्रदायिकता की नींव तो कांग्रेस ने रखी। और आरोप भाजपा पर लगाया जा रहा है। कांग्रेस मुस्लिम वोट खड़ा करने की राजनीति कर रही है। मुस्लमानों को गरीब बताकर उन्हें रूपये बांट रही है। यह राजनीति नहीं तो और क्या है। कांग्रेस तो उसी दिन से मुस्लिम राजनीति करने लगी है जिस दिन से इंदिरा गांधी ने फिरोज गांधी से शादी की। कहीं नहीं लिखा है और न ही प्रमाण है कि फिरोज खान,गांधी हो गये। फिर कांग्रेसी, आज भी गांधी,गांधी की रट लगा रहे हैं। राजीव और संजय तो फिरोज खान की संताने हैं,इसलिए मुस्लमानों पर कांग्रेस सियासत कर रही है।
0 लाल कृष्ण आडवाणी तो भी मुस्लिमों को रिझाने के लिए जिन्ना को धर्मनिरपेक्ष नेता कहा। उसके बाद पार्टी में बवाल मचा। क्या जिन्ना को भाजपा धर्म निरपेक्ष नहीं मानती?
0जो आडवाणी जी कहे उसका गलत अर्थ लगाया गया। उन्होंने वही कहा जो पार्लियामेंट में पहले भाषण में जिन्ना बोले थे। सेक्यूलर का अर्थ होता पंथ निरपेक्ष न कि धर्म निरपेक्ष, और आडावाणी जी जिन्ना को सेक्यूलर बोले,लेकिन उसका अर्थ वो नहीं था जो निकाला गया।
0 इस देश को मोदी चाहिए या फिर गडकरी?
00 मोदी और गडकरी की तरह देश की सेवा करने वाले ऐसे सभी नौजवानों की जरूरत है जो राष्ट्र की मुख्यधारा से जुड़ सके और देश की संस्कृति को समझता हो।
0क्या अब भाजपा कांग्रेस होने लगी है या फिर हो गई है?
00 कांग्रेस से भाजपा अलग है। वो कभी न तो कांग्रेस हो सकती है और न ही दूसरी पार्टी। अपने सीने मं लिखा रखा है पार्टी विथ द डिफरेंस तो फिर,भाजपा कांग्रेस कैसी हो जायेगी।
0क्या भाजपा आरएसएस के शिकंजे में या फिर उसका रिमोट कंट्रोल नागपुर में है।
00 जब भाजपा और आरएसएस का जन्म हुआ था तब रिमोट कंट्रोल नहीं बना था। भाजपा और संध के बीच मर्यादा है। दोनों अपनी मर्यादाओं के बीच काम करते हैं। यह कहना गलत है कि भाजपा,संघ के शिकंजे में है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद गोटिया कहते हैं कांग्रेस भाजपा पर आरोप लगाकर इस देश में मुस्लिम वोट अपने पक्ष में खड़ा करना चाहती है। जबकि वो आज की पीढ़ी से यह बात छुपा रही है कि इस देश में नेहरू और गांधी के समय 5 लाख मुस्लिम काटे गये हैं। साम्प्रदायिकता की नींव तो कांग्रेस ने इस देश में डाली है और आरोप भाजपा पर मढ़ रही है। कांग्रेस तो उसी दिन से मुस्लिम राजनीति करने लगी है जिस दिन से,इंदिरा गांधी ने फिरोज गांधी से शादी की। कहीं नहीं लिखा है और न ही प्रमाण है कि फिरोज खान,गांधी हो गये। फिर कांग्रेसी, आज भी गांधी,गांधी की रट लगा रहे हैं। राजीव गांधी,संजय गांधी सभी फिरोज खान की संताने हैं,इसलिए मुस्लमानों पर कांग्रेस सियासत कर रही है। तीखे सवालों के उन्होंने तीखे जवाब दिये। उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश -
0क्या भाजपा रंग बदल रही है,नये अवतार में आने के लिए।
00 भाजपा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की हिमायती है। जब तक हिन्दुस्तान अपना रंग नहीं बदलेगा, तब तक भाजपा देश की आत्मा के रंग में ही रंगी रहेगी,उसके रंग बदलने का सवाल ही नहीं उठता।
0 हिन्दुस्तान किस तरह का रंग बदले,स्पष्ट करें।
00समृद्धशाली विकसित राष्ट्र के रूप में इस देश की पहचान बने। पूरी दुनिया उसे जाने। अनुकरणीय परंपराये राष्ट्र की शिराओं में लहू की तरह दौड़े।
0 दुनिया मंे देश का नाम तो है ही है,वो चाहे अटल जी के नाम से दुनिया भारत को जाने या फिर यूपीए के घोटाले से दुनिया,हिन्दुस्तान को जाने।
00 मै सोनिया या फिर राबर्ट वाड्रा की बात नहीं करना चाहता। ये सभी निर्विवाद व्यक्ति हैं,यानी भ्रष्टाचार के मसीहा है। ऐसे लोगों के नाम से देश की पहचान बने,यह तो हमारी देश और संस्कृति का अपमान है।
0 भाजपा अध्यक्ष नीतिन गडकरी पर भी तो भ्रष्टाचार के छीटे पड़े हैं।
00 गडकरी जी का मामला अलग हैं। वो सहकारिता के आधार पर ताना बना बुने हैं। यदि वो गलत होते तो,यह नहीं कहते कि जांच करा लो। यदि दोषी हॅू तो सजा दे दो। राबर्ट वाड्रा या फिर एसोसियेट जर्नल्स को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव राहुल गांधी बिना ब्याज के राशि दिये। यह कहना कि 700 लोगों के जीवन को बाचाने के लिए ऐसा किया। चंदा की राशि को धंधा बना देना गलत है। आज भी सैकड़ो कर्मचारियों का मामला कोर्ट में चल रहा है। यदि ये सही हैं तो इन्हें कहना चाहिए कि हमारी जांच करा लें जैसा कि गडकरी खुलकर बोल रहें है कि जैसा चाहो जांच करा लो।
0भाजपा धर्म निरपेक्ष होने के चक्कर में कई बार अपने कुर्त्ते में साम्प्रदायिकता की जेबें भी बनवाने का मोह नहीं छोड़ती ऐसा क्यो?
00 मुझे ताज्जुब होता है कि भाजपा पर बार बार कांग्रेस साम्प्रदायिकता का आरोप क्यों लगाती है। कभी अपने गिरेबान में भी तो झांक के देखे। आज तक जितनी बार भी भाजपा आरोप लगे हैं एक भी प्रमाणित नहीं हुए हैं। नेहरू और गांधी के समय तो इस देश में पांच लाख मुस्लमान काट दिये गये,उसे आज की पीढ़ी से कांग्रेस क्यों छिपा रही है। देश के बंटवारे का जो आधार कांग्रेस के समय तय किया गया,उसके स्वरूप में मै नहीं जाना चाहता,लेकिन किया किसी और ने और उसका दंड आज भी देश भोग रहा है। साम्प्रदायिकता की नींव तो कांग्रेस ने रखी। और आरोप भाजपा पर लगाया जा रहा है। कांग्रेस मुस्लिम वोट खड़ा करने की राजनीति कर रही है। मुस्लमानों को गरीब बताकर उन्हें रूपये बांट रही है। यह राजनीति नहीं तो और क्या है। कांग्रेस तो उसी दिन से मुस्लिम राजनीति करने लगी है जिस दिन से इंदिरा गांधी ने फिरोज गांधी से शादी की। कहीं नहीं लिखा है और न ही प्रमाण है कि फिरोज खान,गांधी हो गये। फिर कांग्रेसी, आज भी गांधी,गांधी की रट लगा रहे हैं। राजीव और संजय तो फिरोज खान की संताने हैं,इसलिए मुस्लमानों पर कांग्रेस सियासत कर रही है।
0 लाल कृष्ण आडवाणी तो भी मुस्लिमों को रिझाने के लिए जिन्ना को धर्मनिरपेक्ष नेता कहा। उसके बाद पार्टी में बवाल मचा। क्या जिन्ना को भाजपा धर्म निरपेक्ष नहीं मानती?
0जो आडवाणी जी कहे उसका गलत अर्थ लगाया गया। उन्होंने वही कहा जो पार्लियामेंट में पहले भाषण में जिन्ना बोले थे। सेक्यूलर का अर्थ होता पंथ निरपेक्ष न कि धर्म निरपेक्ष, और आडावाणी जी जिन्ना को सेक्यूलर बोले,लेकिन उसका अर्थ वो नहीं था जो निकाला गया।
0 इस देश को मोदी चाहिए या फिर गडकरी?
00 मोदी और गडकरी की तरह देश की सेवा करने वाले ऐसे सभी नौजवानों की जरूरत है जो राष्ट्र की मुख्यधारा से जुड़ सके और देश की संस्कृति को समझता हो।
0क्या अब भाजपा कांग्रेस होने लगी है या फिर हो गई है?
00 कांग्रेस से भाजपा अलग है। वो कभी न तो कांग्रेस हो सकती है और न ही दूसरी पार्टी। अपने सीने मं लिखा रखा है पार्टी विथ द डिफरेंस तो फिर,भाजपा कांग्रेस कैसी हो जायेगी।
0क्या भाजपा आरएसएस के शिकंजे में या फिर उसका रिमोट कंट्रोल नागपुर में है।
00 जब भाजपा और आरएसएस का जन्म हुआ था तब रिमोट कंट्रोल नहीं बना था। भाजपा और संध के बीच मर्यादा है। दोनों अपनी मर्यादाओं के बीच काम करते हैं। यह कहना गलत है कि भाजपा,संघ के शिकंजे में है।