Friday, March 1, 2013

उस राह पे चलें जहां दो दिल जुड़ जाते हैं.....

 उस राह पे चलें जहां दो दिल जुड़ जाते हैं
वो बातें न करें जिससे रिश्ते बिगड़ जाते हैं

तेरा मेरा  रिश्ता है जैसे  सुई और धागे का
फिर  क्यों  संबंधों के  धागे  उखड़ जाते हैं

मुहब्बत  से  न बोलूं ,अब  एतराज  होता है
प्यार की जुबां से,नफरत वाले उखड़ जाते हैं

प्यार में नींद  नहीं आती, गोली खाने  से भी
ये वो  जादू है, चेहरे  के रंग  उड़  जाते है

कितना भी घना हो, नफरत का जंगल  रिपु‘
वक्त की  आंधियों  में, सब उजड़  जाते हैं

                     0 रमेश कुमार ‘रिपु‘
                     मे. 09300244876
                

चल तेरे शहर में मुहब्बत की बात कर लें.......

 चल तेरे शहर में मुहब्बत की बात कर लें
अस्पताल में मरीजों से मुलाकात कर लें

रोटी नहीं मिली तो, सल्फास खा ली वो
उसकी रूह को मिले शांति मुनाजात कर लें

मौत पारो है,जिन्दगी देवदास,सबने कहा
फिर इस दुनिया में दिल खराबात कर लें

कोयल की बोली,गौरैया का फुदकना लुभाये
हादसों के षहर को थोड़ा कस्बात कर लें

हमारी मुहब्बत को कहीं नजर न लग जाये
जरूरी है प्यार के लिए कमरें में रात कर लें

गम का बोझ, दिल से उतर जायेगा ‘रिपु‘
मां कहती थी, ऑखों को बरसात कर लें


                     0 रमेश कुमार ‘रिपु‘
                     मे. 09300244876
               

गर्म राख हवाओं से, चौखट तक पहुंचती हैं

 गर्म राख हवाओं से, चौखट तक पहुंचती हैं
बेजुबां चाहतें, दिल से दिल तक पहुंचती हैं

यहां के लोग सिर्फ बातों पे यकीन करते हैं
अब समुंदर में, कागज  की  नाव चलती है

कितना कुछ  हो गया, हमारे मुल्क में यारों
फिर भी दिमाग की खिड़कियां बंद रहती है

अपनी जुबां को लगाम दूं,उनका ये हुक्म है
अनशन,धरना औ नुमाइश से सरकार डरती है

इस कदर तू, मेरी कीमत  न बढ़ा बाजार में
मेरे इरादे की बर्फ,बोली देख के पिघलती है

जो मर चुके हैं,उनके नाम वोट पड़ गये‘रिपु’
यहां जिंदा लोगों की, लंबी कतार लगती है

                     0 रमेश कुमार ‘रिपु‘
                     मे. 09300244876
                

नये अंदाज में प्यार का पैगाम लिख दिया.....

 नये अंदाज में प्यार का पैगाम लिख दिया
कॉजल से ऑखों में तेरा नाम लिख दिया

कोयल सी मीठी  है उसकी  बोली  मगर
उसकी  हरकतों ने, कोहराम  लिख दिया

सहाफी के अंदाज पर खफा न हो सियासी
फस्ले बहार की खबर सरे आम लिख दिया

सांसदों के पगार पे हुई  संजीदा  गुफ्तगू 
और महंगाई गरीबों  के नाम  लिख दिया

तुम जिन्दगी दो,बदले में वो मुआवजा देंगे
सिरफिरे ने सियासत का काम लिख दिया 

उसके बारे  में लोग, बहुत  कुछ कहते हैं 
मुंसिफ ने जिसके नाम, ईनाम  लिख दिया

जिसके लिए कभी उसने नहीं देखा आईना
दीवारों में उसने, उसे बदनाम लिख दिया

ऑखों में नींद हैं या हसीन ख्वाब पता नहीं
पर मुहब्बत ने इश्क के नाम शाम लिख दिया

                     0 रमेश कुमार ‘रिपु‘
                     मे. 09300244876
                

बड़े प्यार से उसके लिए खरीदा था चूड़ियां.......

 बड़े प्यार से उसके लिए खरीदा था चूड़ियां
पर जख्मी थी उसके हाथ की सभी ऊंगलियां

माली नोच के फेक दिया उन सभी फूलों को
जिन पर प्यार की दास्तां लिखी थी तितलियां

ये सोच के दवाएं ले गया,दुआएं छोड़ गया वो
मौत और जिन्दगी के बीच नहीं रहेगी दूरियां

बहेलियों के तीर का नहीं है खौफ परिदें को
उसे सुनाता है तूफान के आने की कहानियां

मजार पे चढ़ा आया चादर कि बरक्कत होगी
मगर ईद में भी, मेरी बच्ची का तन था उरियां

जब तक जुगनू हैं,हाथों में भरी भरी चूड़ियां हैं
धड़कती रहेंगी दिलों में,मुहब्बत की कहानियां
                     0 रमेश कुमार ‘रिपु‘
                     मे. 09300244876



मै अंधेरों के सौदागरों का.....

 मै अंधेरों के सौदागरों का दोस्त बन जाता
तो फिर चराग-ए-दिल लेकर किधर जाता

गेहूं के दानें को मिट्टी में गाड़ दिया बच्चा
यदि उससे खेलते रहता तो वो बिखर जाता

नदी हॅू,समुंदर से मिल के समुंदर हो गया
अगर तालाब का पानी होता तो मर जाता

सियासत के आईने में भला मै कैसे संवरता
जिन्दगी का आईना होता तो संवर जाता

खौलता पानी हॅू,मगर आग बुझा सकता हॅू
अगर सोना होता तो आग में निखर जाता

          0  रमेश कुमार ‘रिपु‘