Saturday, April 27, 2024

घोंषणा पत्र पर भड़के,मंगल सूत्र में अटके

 "सब भटक रहे हैं। भाजपा समेत समूचा विपक्ष। बीजेपी अपने मेनिफोस्टो में महंगाई और बेरोजगारी की जगह सपने दिखा रही है। उसे यकीन था कि 2014 से ज्यादा बड़ी जीत उसे मिलेगी। लेकिन पहले चरण के वोट ट्रेंड ने बीजेपी की धुकधुकी बढ़ा दी, मोदी कांग्रेस के घोषणा पत्र में मुस्लिम लीग की छाया बता कर भड़के और मंगल सूत्र में आकर अटके। बावजूइ इसके दूसरे चरण में भी वोट का ट्रेंड नहीं बदला। आगे भी यही स्थिति रही तो बीजेपी दो सौ सीट से नीचे जा सकती है।


-- रमेश कुमार ‘रिपु’
क्या आखिरी अश्वमेघ है। किराए की भाजपा का। हर राज्यों में कांग्रेस से भाजपा में आने वालों की भीड़ दिखी।इनके भरोसे भाजपा अपनी सेहत सुधारने का सपना पाल ली है। लेकिन पहले चरण की वोटिंग के ट्रेंड ने जय हो कि जगह,भय हो का माहौल बना दिया है। पहले चरण के 102 सीटों में भाजपा सिर्फ 42-46 सीट पा रही है। ऐसा सियासी आकलन है देश का। वोट का ट्रेण्ड बदलने के लिए मोदी ने भाषण का ट्रेंड ही बदल दिया। कांग्रेस के मेनिफेस्टो में मुस्लिम लीग की छाया बता कर भड़के। और मंगल सूत्र में आकर अटके। मुद्दे के लिए भटकती भाजपा एक बार फिर हिन्दू-मुस्लिम के चौराहे पर आ गयी। सब भटक रहे हैं। भाजपा समेत समूचा विपक्ष। बीजेपी अपने मेनिफोस्टो में महंगाई और बेरोजगारी की जगह सपने दिखा रही है। उसे यकीन था कि 2014 से ज्यादा बड़ी जीत उसे मिलेगी। लेकिन पहले चरण के वोट ट्रेंड ने बीजेपी की धुकधुकी बढ़ा दी है। दूसरे चरण में भी वोट का ट्रेंड नहीं बदला। आगे भी यही स्थिति रही तो पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की बात सच हो सकती है, कि बीजेपी दो सौ सीट से नीचे रहेगी। यदि ऐसा हुआ तो बीजेपी के लीडर मोदी नहीं रहेंगी।  

धर्म के खेत पर राजनीति..
मोदी को भरोसा था कि हिन्दू-मुस्लिम राजनीति के पासे पौ बारह ही पड़ंगे। इसलिए सत्ता के हंसिये से वोट की फसल काटने के लिए राजनीति को धर्म के खेत पर खसीट लाए। कांग्रेस को अर्बन नक्सली कह दिया। कांग्रेस सत्ता में आई तो हिन्दू बहनों के मंगल सूत्र तक छीन लेगी। कांग्रेस लोगों की कमाई ज्यादा बच्चों वालों में बांट देगी। अल्पसंख्यक घुसपैठिए हैं। आतंकवादी हैं। कांग्रेस की सोच माओवादियों और कम्युनिस्टों की है। आपकी संपत्ति पर कांग्रेस अपना पंजा मारना चाहती है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, कि हमारे मेनिफोस्टो में विरासत टैक्स का कहीं जिक्र नहीं है। प्रधान मंत्री असत्यमेय जयते का प्रतीक हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस के मेनिफेस्टों को समझाने मोदी से समय मांगा। सवाल यह है, कि अल्पसंख्यक घुसपैठिए हैं तो कितने पकड़े गए। कितने के खिलाफ कार्रवाई हुई।
दूसरे चरण मे वोट में भी मोदी की कही बातों के बावजूद वोट का ट्रेंड नहीं बदला। विपक्ष उत्साहित है कि मतदाताओं ने सत्ता परिवर्तन का संकेत दे दिया है। यूपी की आठ सीट पर हुए चुनाव में मेरठ,बागपत, मथुरा,अमरोहा,अलीगढ़ की सीट बीजेपी की फंस गयी है। किसानो को बीजेपी ने निराश किया। वादे पूरे नहीं हुए। ऐसा वहां के वोटर कह रहे हैं। दूसरे चरण में 66.12 फीसदी वोट पड़े हैं। मध्यप्रदेश की होशंगाबाद को छोड़कर सभी जगह वोट पिछली बार की तुलना में कम हुए है। रीवा में दस फीसदी वोट कम पड़े हैं। दूसरे चरण के वोट के आधार पर यह माना जा रहा है कि बीजेपी और इंडिया दोनों को मतदाताओं ने तवज्जो दिया। अब तक के 190 सीट में इंडिया गठबंधन को फायदा ज्यादा होने के संकेत हैं।

किसने  छीने मंगल सूत्र..
मंगल सूत्र वाले बयान पर सोशल मीडिया पर प्रधान मंत्री के प्रति गुस्सा ज्यादा देखने को मिला है। वहीं   प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के मंगल सूत्र वाले बयान पर प्रियंका गांधी ने कहा,मेरी मां ने अपना मंगल सूत्र देश के नाम कुर्बान कर दिया। युद्ध के  दौरान मेरी दादी इंदिरा गांधी ने अपने गहने देश को समर्पित किये। कांग्रेस ने आज तक किसी मां -बहनों के मंगल सूत्र नहीं छीने। सवाल यह है कि क्या भाजपा अवसान पर है। उसका यह संक्रमण काल है। इसलिए मोदी ने धार्मिक ध्रुवीकरण के लिए चुनाव में हर बार की तरह फिर हिन्दू,मुस्लिम की फसल काटना चाहते हैं। अंधेरे में लाठी भांज रही है भाजपा। किसान आंदोलन में 700 किसानों की मौत हुई। चीन के बार्डर पर गढ़वाल में कई सैनिक शहीद हुए। पोलवामा कांड में समय पर हवाई जहाज मोदी उपलब्ध करा देते तो हमारे कई भारतीय सैनिक शहीद न होते। क्या उन शहीद लोगों की विधवाओं के मंगल सूत्र का ध्यान मोदी को नहीं है। आखिर इतने सारे शहीदों की पत्नियों के मंगल सूत्र, किसकी वजह से बिना धागे के हो गए?क्या इन सवालों का जवाब बीजेपी के पास है?

बीजेपी के पेट में दर्द क्यों उठा..
भाजपा अपने आप को हिन्दू की पार्टी कहती है। कांग्रेस यदि मुस्लिमों की पक्षधर है,तो विवाद क्यों? सबकी राजनीति के अपने अपने तरीके हैं। फिर भी हर चुनाव में भाजपा यह कह कर हिन्दुओं को क्यों डराती है कि आज हिन्दू खतरे में है। देश का प्रधान मंत्री हिन्दू है। गृहमंत्री हिन्दू है। राज्य के मुख्यमंत्री हिन्दू हैं। फिर भी देश का हिन्दू खतरे में है। यदि हिन्दू खतरे में है तो इसके लिए मुठ्ठी भर अल्पसंख्यक दोषी हैं या फिर देश की सरकार! वोट डालने से पहले एक बार मनन जरूर करें।

देश पर 272 लाख करोड़ का कर्ज..
दस साल की भाजपाई सत्ता में देश का आर्थिक ढांचा चरमरा गया है। देश पर 272 लाख करोड़ का कर्ज है। सरकार ने कई उद्योगपतियों के कर्जे माफ कर दिये तो बैक डूब गए। ताले लग गए। ग्यारह लाख करोड़ रुपए से ज्यादा उद्योग पतियों के माफ किये गए। इलेक्टोरल बांड ने भाजपा की ईमानदारी छवि पर कालिख पोत दी। देश के छोटे से लेकर बड़े उद्योगपतियों को ईडी का डर दिखाकर उनसे चंदा लिया। बदले में उद्योगपतियों ने अपने- अपने उत्पादों की कीमत चार गुना बढ़ा दिया। बाजार में महंगाई का बूम आ गया। आम आदमी समझ ही नहीं पाया कि महंगाई अचानक से बढ़ कैसे गयी। सुप्रीम कोर्ट के दखल से देश के सामने न खाऊंगा और न खाने दूंगा कहने वालों की सच्चाई समाने आई। क्या नेहरू बोले कर गए थे बीजेपी को कि इलेक्टोरल बांड के जरिए चंदा एकत्र करना। कश्मीर से अब भी 370 हटी नहीं। केवल संशोधन किया गया है। ताकि अडानी जमीन खरीद सकें।

राम मंदिर बनने से क्या हो जाएगा..
राम मंदिर से रोटी नहीं मिलने वाली। राम केवल आस्था है। विश्वास है। भरोसा है। राम का मंदिर नहीं बना था, तब क्या देश नहीं चल रहा था। लोकतंत्र जिंदा नहीं था। भारत नहीं था। राम के लिए मंदिर बनाए हैं तो राम जैसा आचरण भी दिखाएं। तानाशाह क्यों बनते हैं? राम मंदिर बन जाने पर देश में क्या अंतर आ गया या आ जाएगा? जय किसकी और भय किसका होगा,अबकि चुनाव में। यह बात की बात है। मगर सवाल यह है,कि भाजपा अपने ही राज्यपाल के यहां सीबीआइ इसलिए भेज दे कि वो मोदी सरकार की बखिया उधेड़ने लगे हैं, तो जाहिर सी बात है कि दाल में कुछ काला नहीं,पूरी की पूरी दाल काली है।  

भाजपा ने यह भी कहा था..
भाजपा के मेनिफेस्टों में 2047 तक का सपना दिखाया गया है। महंगाई,बेरोजगारी, की कोई बात नहीं। जुमले से तालियां बजती है। सपने दिखाने से भूख नहीं मरती। एक वो भी सपना था, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। गंगा साफ हो जाएगी। दो करोड़ नौकरी दी जाएगी। पेट्रोल चालीस रुपए लीटर मिलेगा। डाॅलर जमीन सूंघने लगेगा। रुपया डाॅलर से ऊपर होगा। चार सौ रुपए का गैस सिलेंडर किस राज्य में मिल रहा है? ऐसे कई सवाल हैं,जिनके जवाब इस चुनाव में अधूरे हैं।बुजुर्गो को रेल यात्रा में जो सुविधाएं मिलती थी,बंद कर देने से रेल मंत्रालय फायदे में चलने लगा क्या? छत्तीसगढ़ से होकर चलने वाली 6200 ट्रेनें क्यों बंद कर दी गयी। पी.एम.ने भी नहीं बताया। आयुष्मान योजना का लाभ मरीजों को निजी अस्पताल में नहीं मिलता। दवाइयां बाहर से मरीजों को खरीदना पड़ता है। मरीजों को जल्द से जल्द निजी अस्पताल के लोग डिस्चार्ज कर देते हैं। उनका इलाज सही तरीके से नहीं होता। पांच लाख तक के इलाज कराने की यह योजना कैसी है,सांसदों को भी पता करना चाहिए।

हैरान मत होना..
सियासी मुजरा खूब चल रहा है। हर दल में। सबसे अधिक डरी हुई है बीजेपी। तीसरी बार सियासी अश्वमेघ यज्ञ में आहूति मतदाता किसे दे रहा है। राम तीसरी बार सत्ता की कमान दिलाएंगे या नहीं। हिन्दुओं को बीजेपी फिर डरा रही है। क्या वाकई हिन्दू खतरे में है। क्या मतदाता मान रहा है कि ईडी,सीबीआइ और आई टी की कार्रवाई गलत है। देश को जैसा प्रधानमंत्री चाहिए,उसे वैसा मिला है। तीसरी बार बीजेपी आई तो संविधान बदल दिया जाएगा। इस बात को अशिक्षित लोग क्या समझ रहे हैं।रिक्शे वाले को,पान ठेला वाले को,सब्जी बेचने वाले को,सड़कों के किनारे चाट बेचने वाले को क्यों लगता है, फिर मोदी आएगा। ईवीएम पर देश के कितने लोगों को भरोसा है। चार सौ पार बीजेपी आएगी या फिर उसे 272 के भी लाले पड़ेंगे। दूसरे चरण के चुनाव से पहले बीजेपी मंगल सूत्र का मुद्दा गढ़ ली। तीसरे चरण के चुनाव में पुलवामा कांड जैसा कोई कांड हो जाए तो हैरान नहीं होना। क्यों कि अब देश में चुनाव मुद्दों पर नहीं, हिन्दू खतरे में है बता कर लड़ा जाएगा,जब तक देश में अल्पसंख्यक रहेंगे और पाकिस्तान रहेगा।