मरवाही विधान सभा के उपचुनाव में अब कुछ भी हो सकता है। अभी तक कांग्रेस ढाई घर से ज्यादा चलने की बात कर रही थी। लेकिन छजका ने बीजेपी को समर्थन देकर कांग्रेस के उठते हाथ को ठिठका दिया है। आम मत है कि नए चुनावी समीकरण ने सत्ता पक्ष की धड़कने बढ़ा दी है।
0 रमेश कुमार ‘‘रिपु’’
छत्तीसगढ़ में होने जा रहे मरवाही विधान सभा उप चुनाव ऐसे मोड़ पर पहुंँच गया है,जिसकी कल्पना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी नहीं की रही होगी। चुनाव प्रचार थमने के दो दिन पहले छजका के वरिष्ठ नेता धरम जीत सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ रमन सिंह और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक से पेन्ड्रा में मुलाकात के बाद बीजेपी का समर्थन देने की बात कहकर कांग्रेस खेमें खलबली मचा दी। राज्य में इस सियासी गठजोड़ ने सबको हैरान कर दिया है। इस नए चुनावी समीकरण से मरवाही विधान सभा क्षेत्र में अब कुछ भी हो सकता है। भूपेश बघेल की प्रतिष्ठा को धक्का भी लग सकता है। इसकी वजह यह है कि अभी तक कांग्रेस ढाई घर से ज्यादा चलने का दावा कर रही थी लेकिन छजका के समर्थन से उठता हाथ ठिठक गया है।
बीजेपी को खुला समर्थन छजका मिलने से कांग्रेस के समक्ष दुविधा की स्थिति उत्पन्न हो गई। गौरतलब है कि अमित जोगी और उनकी पत्नी ऋचा जोगी का नामांकन रद्द होने के बाद जोगी परिवार के पास कोई विकल्प नहीं रह गया था। यद्यपि ऋचा जोगी ने अपने जाति का मामला हाई कोर्ट में दायर कर दी हैं। विधायक रेणू जोगी मरवाही विधान सभा में अजीत जोगी की जीवनी की किताब लेकर सबसे न्याय करने की अपील कर रही थीं। लेकिन निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें मरवाही विधान सभा के हाट बाजार आदि स्थानों पर जाने पर रोक लगा दी। इस आधार पर कि छजका का कोई भी उम्मीदवार चुनावी समर में नहंी है और न ही छजका किसी अन्य पार्टी का समर्थन कर रही है। इसलिए प्रचार जायज नहीं है।
राजनीतिक गलियारे में इस बात की आशंका थी कि मतदान से पहले छजका बीजेपी को समर्थन कर सकती थी। इस समर्थन के बाद से कांग्रेस खेमें में हलचल तेज हो गई है। वैसे भी आठ मंत्री और दस संसदीय सचिव इस विधान सभा में महीनों से डेरा डाले हुए थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को तीन दिन दौरा करना पड़ा। छजका के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा प्रत्याशी डॉ गम्भीर को जीताने का निर्णय लिया है। मैं पार्टी के नेताओं के निर्णय से सहमत हूँ। मेरा मानना है कि वैचारिक रूप से क्षेत्रीय दल और राष्ट्रीय दल में स्थायी समझौता सम्भव नहीं है, बशर्ते कि राष्ट्रीय दल हमारी स्वराज की भावना का सम्मान करे। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जब कांग्रेस ने मेरे स्वर्गीय पिता अजीत जोगी के अपमान को अपने प्रचार का मुख्य केंद्र बिंदु बना लिया है। मेरे परिवार को चुनाव के मैदान से छलपूर्वक बाहर किया गया है। ऐसी परिस्थिति में मुझे मेरे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का निर्णय स्वाभाविक और सर्वमान्य लगता है।
छजका बीजेपी की बी टीम
मरवाही उपचुनाव में जनता कांग्रेस के भाजपा को समर्थन दिए जाने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा और जोगी कांग्रेस के बीच पहले से गठबंधन रहा है। हम तो पहले ही कहते रहे हैं कि छजका भाजपा की बी टीम है। यह सब लोग जानते थे कि इनके बीच सालों से गठबंधन है। लेकिन पहली बार खुले में स्वीकार किए हैं। रमन सिंह स्वीकार किए,अब अमित जोगी भी स्वीकार कर रहे हैं।
कांग्रेस प्रत्याशी नोट बांटे
इस चुनाव में विपक्ष और सत्ता पक्ष एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। इस बीच छजका के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने सोशल मीडिया में एक फोटो शेयर की। जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी डॉ के के धु्रव भाजपा के झंडे के सामने बैठ कर खुलेआम 2000 के नोटों की गड्डी बांट रहे हैं। जाहिर है कि कांग्रेस इस चुनाव को जीतना अपनी प्रतिष्ठा बना ली है। यही वजह है कि यहां की महिलाओं को लुभाने के लिए साड़ियांँ बांँटे जाने का वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ। वीडियो मरवाही विधान सभा के झिरिया टोला गाँव का है। रेणू जोगी ने कहा,जब घोषणाएं काम नहीं आईं, तो साड़ी और शॉल का सहारा लेने लगे हैं। लेकिन मरवाही के लोग बिकाऊ नहीं हैं। इसकी शिकायत जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर डोमन सिंह को करने के बाद भी वो चुप रहे।’’
चुनाव की दिशा बदली
बहरहाल छजका का अब भाजपा का समर्थन करने पर कांग्रेस कैसी रणनीति बनाती है इस पर सबकी नजर है। वहीं भाजपा को इस समर्थन से कितना लाभ मिलता है यह वक्त बतायेगा। गौरतलब है कि कांग्रेस पिछले दो माह से जनता कांग्रेस के छोटे बड़े नेताओं को अपनी तरफ मिला रही थी। वहीं भाजपा ने एक कदम आगे बढ़ते हुए पूरी छजका समर्थन हासिल कर चुनाव की दिशा बदल दी है। कांग्रेस को भी लगने लगा है कि बीजेपी पहले से कुछ और भारी हो गई है। वैसे पिछले दो माह से कांग्रेस के चुनाव प्रभारी जयसिंह अग्रवाल ने जो फिल्डिंग यहां की है, उससे कांग्रेस यहांँ दिखने लगी। अजीत जोगी के चुनाव लड़ने से यहां बीजेपी हमेशा दूसरे नम्बर पर रही है। अब जोगी की पार्टी का समर्थन बीजेपी को मिलने से कांग्रेस में हताशा बढ़ी है।
रिकार्ड मतों से जीतेंगेः भूपेश
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने मरवाही उप चुनाव की कमान संभल रखी है। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दावा है कि कांग्रेस यहांँ रिकार्ड मतो से जीत दर्ज करेगी। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ रमन सिंह का दावा है कि मै वहाँं दो दिन रहा। वहाँं की तस्वीर बता रही है कि जनता में बीजेपी के प्रति भारी उत्साह है। मरवाही में आम आदमी का भाव केवल कांग्रेस को हराने का है। कांग्रेस की जमानत जब्त हो सकती है। मरवाही विधान सभा की जनता मरवाही में शराब, कटोरी, साड़ी, कंबल बांटने के बाद भी कांग्रेस को वोट नहीं करेगी।
डील और सेटिंग के आरोप गलत
डाॅ रमन सिंह ने युगवार्ता से कहा कि कांग्रेस का आरोप बेबुनियाद है कि बीजेपी और छजका के बीच किसी तरह की डील हुई है। कांग्रेस की मरवाही विधान सभा में जमीन खिसक रही है, इसलिए वो झूठ और अफवाह का सहारा ले रही है। गांव-गांव में घूमकर रेणू जोगी जनता से मिल रहीं थीं। अजीत जोगी का अपमान हुआ तो वो बाहर आईं। वो अपने लिए वोट अपील नहीं कर रही थीं। कांग्रेस को हराने की उनकी अपली बताती है कि उनके मन की ब्यथा कैसी है।
बीजेपी की जीत तय
डाॅ रमन सिंह ने कहा कि रेणू जोगू मरवाही विधान सभा में सुबह शाम जाकर वहां की जनता से न्याय मांग रही थीं। न्याय इस इस बात के लिए अजीत जोगी को अपमानित किया गया। उनके पोस्टर जलाए गए। जोगी परिवार को मरवाही से दूर किया गया। वो अपील कर रही थीं कि इस बार मरवाही की जनता कांग्रेस की जमानत जब्त कराए। इसका असर जनता पर पड़ेगा, भाजपा की जीत तय है। जाहिर सी बात है कि छजका के समर्थन से अब भाजपा मरवाही विधान सभा में अपना झंडा गड़ता देख रही है।
कांग्रेस डील करने में माहिर
नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक ने कहा कई मतदाताओं का कहना था कि छजका को चाहिए कि वो बीजेपी का खुलकर समर्थन कर दे। ताकि लोग बीजेपी का खुलकर प्रचार करें। रहा सवाल कांग्रेस के आरोप का कि डील हुई है। वो ऐसा स्वयं करते हैं,ऐसा दूसरों को भी कहते हैं। कांग्रेस प्रदेश में डील ही तो कर रही है। शराब की डील, रेत की डील कर रही है। अब सीमेंट के दाम 40 रुपए बढ़ गए हैं। मरवाही में शराब, कटोरी, साड़ी, कंबल बांटा जा रहा है। चुनाव आयोग के सामने बात रखी है कि मरवाही में सत्ता का उपयोग हो सकता है।
यहां के एक मतदाता ने कहा कि यह चुनाव कांग्रेस के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लिए जरूरी है जीतना है,अन्यथा कांग्रेस में उनके विरोधी और विपक्ष उन्हें नोच डालेंगे। बहरहाल चुनाव के नतीजो जो भी आएं लेकिन बीजेपी और छजका यह गठबंधन कांग्रेस के लिए आगामी विधान सभा चुनाव के लिए सिरदर्द साबित हो सकते हैं।