रीवा में बीजेपी ओबीसी प्रत्याशी देगी
जनार्दन सेमरिया से चुनाव लड़ेंगे
राजेन्द्र की टिकट फंस गई
रीवा।
राजेन्द्र शुक्ला अभी से अपनी सियासत के बी प्लान को अंजाम देने में जुट
गये हैं। बीजेपी चूंकि ओबीसी को तरजीह देने की सियासत में लगी है। ऐसी
स्थिति में राजेन्द्र जानते हैं, अगली दफा रीवा विधान सभा से उन्हें टिकट
नहीं मिलेगी। वोटर की संख्या के अनुसार रीवा में अगले विधान सभा चुनाव तक
ओबीसी यानी मुस्लिम वोटरों की संख्या 27 हजार हो जाएगी। जाहिर है कि रीवा
से मुस्लिम दावेदार खड़े होंगे। पटेल उम्मीदवार अभी से तैयारी कर रहे हैं।
राजेन्द्र लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा गत माह संघ के एक पदाधिकारी से की
है।(जो कि मेरे मित्र हैं)। वे चाहते हैं कि सेमरिया विधान सभा से जनार्दन
चुनाव लड़ें।
राजेन्द्र
शुक्ला इस समय अपनी सुरक्षित सीट के लिए गुणा भाग करने में लगे हैं। गत माह
वे सघ के एक पदाधिकारी से मिले। उन्हें अपनी सियासत का बी प्लान बताया।
उनके अनुसार जनार्दन मिश्रा को सेमरिया विधान सभा से चुनाव लड़ा दिया जाए।
यदि जीत गये तो ठीक। हारने पर उनका लोकसभा का दावा कट जायेगा। जो व्यक्ति
विधान सभा चुनाव नहीं जीत सका, वो लोकसभा चुनाव कैसे जीत सकता है!
अजय अभी से तैयारी में
रीवा
में बीजेपी अध्यक्ष अजय सिंह पटेल हैं। जो कि राजेन्द्र की पसंद के नहीं
है। राजेन्द्र अपनी पूरी ताकत लगा दिये थे, कि अजय सिंह पटेल बीजेपी के
जिला अध्यक्ष न बनें। वे जानते हैं अजय उनकी सियासत की राह में कंटक हैं।
वे रीवा विधान सभा चुनाव लड़ने की अपनी गोटी अभी से बिछाने लगे हैं। विधान
सभा नहीं तो लोकसभा की टिकट चाहिए ही। ऐसे में राजेन्द्र और जनार्दन दोनों
की राह में अजय सबसे बड़े कंटक हैं। जर्नादन को हटाने सिंधियों ने राजेन्द्र
को सलाह दी है। समदड़िया इस बार उनके चुनाव का सारा मैनेेजमेंट देखेगा।
जनार्दन अपनी सीट कैसे बचायेंगे,उनकी सियासत भी नहीं जानती। वैसे जनार्दन
अभी तक राजेन्द्र को बड़ा महत्व देते आये हैं। लेकिन राजेन्द्र कभी भी
उन्हें तरजीह नहीं दिये। यानी अगले चुनाव तक राजेन्द्र और जनार्दन में 63
नहीं 36 का सियासी रिश्ता बन जायेगा।
बस कुछ दिन और..
रीवा
विधान सभा पर सबकी नजर है। बीजेपी के कई विधायक और नेता राजेन्द्र की
राजनीति को खत्म करने का जाल बुनने लगे हैं। नरोत्तम मिश्रा वैसे भी
राजेन्द्र को पसंद नहीं करते। वे उनकी राजनीति को खत्म करने के लिए ही
गिरीश गौतम को विधान सभा अध्यक्ष बनाने में अपनी हर कोशिश को अंजाम दिया।
जब तक शिवराज हैं, तभी तक राजेन्द्र बिना मंत्री के मंत्री की भूमिका का शो
चला रहे हैं। वैसे शिवराज का हटना सौ फीसदी तय है।
प्रदीप कंटक बनेंगे राजेन्द्र के
सबसे
बड़ा सवाल यह है कि राजेन्द्र रीवा छोड़ेंगे या फिर कोई दूसरा विधान सभा
तलाशेंगे। मऊगंज के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है। प्रदीप सिंह पटेल
के बीजेपी छोड़ने की ज्यादा संभावना है। सूत्रों कहना है कि वे बीएसपी से
लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। बीजेपी में आने के बाद उन्हें कुछ भी नहीं मिला,जिसकी
उन्हें अपेक्षा थी। जिले में उन्हें एक ट्रांसफार्मर के लिए धरना देना और
अनशन करने के बाद भी उनकी नहीं सुनी जाने से वो नाराज है। उनके समर्थक कहते
हैं, कि इसके पीछे राजेन्द्र का हाथ है। लोकसभा यदि राजेन्द्र चुनाव लड़ते
हैं तो उन्हें शिकस्त देने प्रदीप बीएसपी से चुनाव लड़ेगे। वैसे भी प्रदीप
इसके पहले बीएसपी के संभागीय संगठन मंत्री रह चुके हैं।
बहरहाल राजेन्द्र की सियासत का प्लान बी सामने आ जाने से एक नई सियासी रणनीति भी बनने लगी है। शेष अगली बार।
@रमेश कुमार "रिपु"